Mahishasuramardini-14-15

कमल-दलामल-कोमल-कान्ति कलाकलितामल-भाललते सकल-विलास-कलानिलयक्रम-केलि-चलत्कल-हंसकुले । अलिकुल-सङ्कुल-कुवलय-मण्डल-मौलिमिलद्भकुलालि-कुले जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते॥ १४ ॥ करमुरली-रव-वीजित-कूजित-लज्जित-कोकिल-मञ्जुमते मिलित-पुलिन्द-मनोहर-गुञ्जित-रञ्जितशैल-निकुञ्जगते । निजगुणभूत-महाशबरीगण-सद्गुण-सम्भृत-केलितले जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते॥ १५ ॥

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