आइना-ख़ाना करेंगे दिल-ए-नाकाम को हम4 years ago
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पयम्बर मैं नहीं आशिक़ हूँ जानी4 years ago
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ख़्वाहाँ तिरे हर रंग में ऐ यार हमीं थे4 years ago
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मौत माँगूँ तो रहे आरज़ू-ए-ख़्वाब मुझे4 years ago
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वहशत-ए-दिल ने किया है वो बयाबाँ पैदा4 years ago
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आश्ना गोश से उस गुल के सुख़न है किस का4 years ago
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इस शश-जिहत में ख़ूब तिरी जुस्तुजू करें4 years ago
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हंगाम-ए-नज़'अ महव हूँ तेरे ख़याल का4 years ago
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जौहर नहीं हमारे हैं सय्याद पर खुले4 years ago
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कौन से दिल में मोहब्बत नहीं जानी तेरी4 years ago
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