अब जीने का फायेदा नहीं जब भी लगे ये कहानी सुन लेना | Haseena
Haseena जी का बचपन काफ़ी मुश्किलों से भरा था. खेलने कूदने की उम्र में इन्होंने क्या-क्या नहीं सहा. वक्त बीतता गया और एक दिन इनकी शादी हो गई. शादी के बाद इनका जीवन और भी ज़्यादा दुखद हो गया. कुछ समय बाद ये एक NGO से जुड़ीं और आज जो भी ये कमाई करती हैं उससे अपने बच्चों का पालन पोषण करती हैं.