Ramcharitmanas - Swami Sevak | श्रीरामचरितमानस - स्वामी सेवक | तुलसीदास जी के विचार - रामचरितमानस

अगर हमें भी सच्चे राम सेवक व भक्त बनना है तो पिफर आलस का त्याग करना ही पड़ेगा। श्री हनुमंत लाल जी राम काज को इतनी तत्परता से इसलिए भी करना चाहते हैं क्योंकि वे प्रभु को प्रसन्न करना चाहते हैं।

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