मैंने मौत को करीब से देखा है ।

हां मैंने मौत को करीब से देखा है। जो कहते थे नाज है। हमें अपनी हस्ती पर उनकी हस्ती को मिटते मैंने देखा है। मासूमों के सिर से मां बाप के साए को उठते मैंने देखा है। कई सुहागिनों को विधवा होते मैंने देखा है। हां साहब मैंने मौत को करीब से देखा है। जो कहते थे।खरीद लेंगे इस दुनिया को उनको एक -एक सांस की भीख मांगते मैंने देखा है। शमशान के आगे लगी लंबी-लंबी कतारों को मैंने देखा है। और कुछ कपटी नेताओं को लाशों पर राजनीति करते मैंने देखा है। हां साहब मैंने मौत को करीब से देखा है ।

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