पिबरे राम रसम | ज्योत्स्ना जोशी ताई
पिबरे राम रसम | ज्योत्स्ना जोशी ताई पिबरे राम रसं रसने पिबरे राम रसम् दूरदर्शी पातक संसारम् पूरित नानाविध फल वर्गम् जनन मरण भय शोक विदूरं सकल शास्त्र निगमगम सारम् परिपालित सरसिज गर्भाण्डं परम पवित्र कृत पाषण्डम् शुद्ध परमहंस आश्रम/आदिवासी गीतं शुक शौनक शोक मुख पीतम्