मेरे बाद भी

लिजिए सुनिये मेरी क़िताब कामिनी से एक और नई कविता!!मेरे बाद भी तेरे आशिक़ हज़ार होंगेमगर उनमें से कितने मुझ जैसे यार होंगेसभी को तलब होगी बस जिस्म की तेरेपर कितने फ़क़त इश्क़ निभाने को तैयार होंगेतारीफ़ करेंगे सभी सूरत की तेरीपर सीरत समझने को कितने तैयार होंगेबिछा सकते हैं फूल सभी राहों में मगरकांटे चुनने को कितने तैयार होंगेपीना चाहेंगे सभी रस तेरी जवानी काक़ैद होने को तुझमें कितने ही बेकरार होंगेसभी बताएंगे तुझसे हाल-ए-दिल अपनातेरा हाल सुनने को क्या फ़ुर्सत में वो यार होंगेसभी तैयार हैं पार करने को हदेंहद बनाने में लेकिन कितने तेरे साथ होंगेकपड़े उतारना आता है सभी को यहाँनज़रें उतारने को कितने हाथ होंगेसभी जताएंगे तुझसे रुसवाइयाँ अपनीतुझे मनाने को कितने तेरे पास होंगेइश्क़ में दग़ा देना आम बात हैइश्क़ निभा जाए ऐसे कितने ही ख़ास होंगे

2356 232

Suggested Podcasts

ACCA Insights

Beautiful Game Network

ABC News

In the Mixx

Tim, Travis and Nick

Clinton