मैं तेरा हिस्सा नहीं

लिजिए सुनिये मेरी क़िताब कामिनी से एक और नई कविता!!तेरे पाने की फेहरिस्त में, मैं शामिल ना रहूं लेकिनमेरे खोने की क़ायिमा में बिना तेरे कुछ दिखाई नहीं देता।तेरे अपनों की महफिल में, मेरा नाम ना सही लेकिनमेरे अपनों में सिवा तेरे कोई नदारद नहीं मिलता।तेरे सपनों में मेरा ना होना तुझे ना खलता हो लेकिनमेरा कोई ख्वाब बिना तेरे पूरा नहीं होता।तू चाहे तो जी ले जिंदगी मेरे बिना लेकिनबिना तेरे मुझसे एक सांस भी लिया नहीं जाता।भीड़ में तुझे मेरी याद चाहे ना आती हो लेकिनबिना तेरी याद के मुझे कारवां भी वीराना सा लगता है।तू जब चाहे बना दे मुझे बेगाना लेकिनबिना तेरे मुझे मेरा साया भी पराया सा लगता है।तेरी दुआओं में मेरी सलामती ना हो लेकिनमेरे हर सजदे में तेरी बरकत की सदा रहती है।तुझको डर लगता है ज़माने के कड़वे तानों से लेकिनवो ताने ही मुझे तुझसे जुड़े होने का एहसास देते हैं। 

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