Ep 24 डेथ क्लीनिंग, वर्षा अड़ालजा
उसे स्मृतियों ने ऐसे घेर लिया था कि उसका दम घुटने लगा। यहाँ जी गई जिंदगी में वह जैसे कैद हो गई हो। वह बगीचे में सैर करने निकल पड़ी।हल्का सा अंधेरा छाने लगा था।बत्तियां जगमगा उठी थीं। ( इसी कहानी से) आपकी प्रतिक्रियाओं/ सुझावों का इंतजार रहेगा। आप अपनी पसंद की कहानियों के लिए मुझे लिख सकते हैं।यदि आप लेखक हैं और अपनी कहानियों को हजारों लोगों तक पहुंचाना चाहते है तो जरूर लिखें। kathamanjusha66@gmail.com