भगवतद्गीता -29 अ 2 श्लो 69 -70 स्थितप्रज्ञ सिंधु में कई नदियों को समा लेने वाले समुद्र के समान होता

????????सुप्रभात????????कई नदियों का जल जब सब ओर से परिपूर्ण अचल प्रतिष्ठा वाली समुद्र में उसको विचलित न करते हुए भी समा जाता है वैसे ही सब भोग जिस स्थितप्रज्ञ पुरुष में किसी प्रकार का विकार उत्पन्न किए बिना ही समा जाते हैं वहीं पुरुष परम शांति को प्राप्त होता है भोगों को चाहने वाला नहीं --- Send in a voice message: https://anchor.fm/kiran-acharya/message

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