अध्याय 2 भाग 16 श्री कृष्ण ने अर्जुन को क्षात्र धर्म का पालन कर समभाव से युद्ध करने की आज्ञा दी
36 वें श्लोक तक क्षात्र धर्म की दृष्टि से युद्ध को अर्जुन का स्वधर्म बतला कर उसका त्याग करना सब प्रकार से अनुचित सिद्ध करते हुए 37 वें में युद्ध को इस लोक और परलोक दोनों में लाभप्रद बतला कर अर्जुन को युद्ध करने के लिए तैयार होने की आज्ञा दी है आगे समत्व को युद्धाद्धि कर्मों में पाप से निर्लिप्त रहने का उपाय बतलाया गया है। --- Send in a voice message: https://anchor.fm/kiran-acharya/message