अध्याय 2 भाग 12, आत्मा नित्यता अविनाशीं का उपदेश देकर श्री कृष्ण अर्जुन को युद्ध रत होने को कहते है

श्री जयदयाल गोयन्दका की विवेचना के अनुसार आत्मा विकार रहित है यह अविनाशी नित्य शाश्वत एवं चिर कालिक है यह न उत्पन्न होती है नहीं‌ मरती है शरीर मरते हैं शरीर मारे जाते हैं अत्मा ना मरती है न मारी जाती है न मरवाती है यह स्पष्ट कर के श्री कृष्ण अर्जुन को शोक रहित होकर युद्ध करने के लिए उपदेश देते हैं --- Send in a voice message: https://anchor.fm/kiran-acharya/message

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