हुस्न का सरापा husn ka sarapa حسن کا سراپا Episode 79

Here’s an episode that will keep you waiting for the next one. Tune in ज़ुल्फ तुम्हारी सुमबुल जैसी , तुम लगती हो बुलबुल जैसी , उफ ये आंखें लगें शराबी , उस पर से ये हांथ गुलाबी , कितना दिलकश गोरा मुखड़ा , जैसे कोई चांद का टुकड़ा , तुम जो बोलो बजे हैं साज , कोयल जैसी है आवाज़ , कितने भले हैं कान तुम्हारे , उस पर लटके झुमके प्यारे , पतली गर्दन जैसे सुराही , और ये सीना एक तबाही , जिस्म तुम्हारा मरमर जैसा , महक रहा है अंबर जैसा , प

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