क्यों उद्यमियों के लिए प्रेरणा हैं मालविका हेगड़े ।
अकेलेपन और दुख के बाद भी जो अपने होसलो से अपनी जिम्मेदारी को बखूबी निभाती है, वो है महिलाये तो आज हम एक ऐसी ही हिमत और हौसले से भरी महिला के बारे में जानेंगे. जिन्होंने अपने पति को खोने के दुःख के साथ उनके सपनो को खोने नहीं दिया I आज हमारे womenpreneur show पर जानेंगे कहानी समर्पित CCD कैफे कॉफी डे सीईओ मालविका हेदगे के बारे में। जहां business वर्ल्ड में लॉस के बाद बिजनेसमैन अपना देश छोड़ कर जा रहे ,वही मालविका हेगड़ेने अपने पति के business loss से suicide करने के बाद भी उनके बिजनेस को उभारा। मालविका हेगड़े के पास ,उस वक्त 2 विकल्प था यह तो वो बिजनेस बंद के सकती पर यह फिर entrepreneur के लिए उद्धरण बन सकती थी ।मालविका हेगड़े का जन्म 1969 उनहत्तर में बेंगलुरु कर्नाटक में हुआ। उन्होंने बंगलौर विश्वविद्यालय से engineering की।मालविका कृष्णा हेगड़े ने 1991 इक्यानबे में लोकप्रिय खाद्य श्रृंखला cafe coffee day (CCD) के मालिक वीजी सिद्धार्थ से शादी की।मालविका हेगड़े एक प्रकृति प्रेमी हैं और उन्हें पेड़ लगाना बेहद पसंद है। उन्होने आज तक 3000 से अधिक पेड़ लगाए है। मालविका के दो बेटे हैं जिनका नाम ईशान और अमर्त्य हैं।जिस दिन वीजी सिद्धार्थ ने CCD (Cafe coffee day ) के बारे में अपना विचार मालविका को सुनाया, उन्होंने इसे खारिज कर दिया; चूंकि सिद्धार्थ एक कप कॉफी 25 रुपये में बेचना चाहते थे, जबकि स्थानीय स्तर पर यह 5 रुपये प्रति कप में उपलब्ध था। जब सिद्धार्थ ने इस विचार को संशोधित किया, और उन्होंने कॉफी के साथ-साथ इंटरनेट की पेशकश करने की योजना बनाई, तब मालविका ने भी इस बात में रुचि दिखाई।मालविका और सिद्धार्थ: ने मिल कर पहला सीसीडी आउटलेट ब्रिगेड रोड me 1996 चियानवे में खोला । हालांकि वीजी सिद्धार्थ एक सक्रिय बोर्ड सदस्य थे, मालविका 2008 से सीसीडी के दैनिक कार्यों को संभाल रही हैं। पर अचानक वीजी सिद्धार्थ ने सक्लेश्पुरऔर चिकमगलूर में यात्रा में दौरान आत्महत्या कर ली।इस हादसे के बाद कॉफी डे एंटरप्राइजेज ने 7 दिसंबर से मालविका हेगड़े को मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) नियुक्त किया। उनके पास सीसीडी में 4% इक्विटी शेयर मिली। मालविका हेगड़े, अब कम से कम पांच साल के लिए प्रभारी थी।वह बेंगलुरु मुख्यालय से काम कर रही थी। टाइम्स ऑफ इंडिया के अनुसार: 24 जुलाई को कंपनी के 25,000 कर्मचारियों को लिखे एक पत्र में, हेगड़े ने लिखा कि वह कंपनी के भविष्य के लिए प्रतिबद्ध हैं और आश्वासन किया कि कॉफी डे की कहानी "संरक्षित करने योग्य" थी। उनका पत्र तब आया जब जांच में पता चला कि दिवंगत संस्थापक सिद्धार्थ के स्वामित्व वाली एक निजी इकाई पर सूचीबद्ध इकाई कॉफी डे एंटरप्राइजेज लिमिटेड (CDEL) का 2,693 तिरानवे करोड़ रुपये बकाया है। उन्होंने लिखा, "हम कुछ और निवेश बेचकर कर्ज को एक प्रबंधनीय स्तर तक कम करने के लिए काम करेंगे क्योंकि मैं कंपनी के भविष्य के लिए प्रतिबद्ध हूं।"इसका मतलब यह हुआ कि भारत की सबसे बड़ी कॉफी रिटेल चेन की मालिक CDEL मुश्किल में थी। व्यावसायिक समुदाय क्षेत्र के लिए यह हैरानी की बात थी।.आखिरकार, कैफे कॉफी डे सिर्फ एक खुदरा कॉफी श्रृंखला नहीं है, बल्कि लोकप्रिय शहरी संस्कृति का भी हिस्सा है। सीसीडी में लगभग 1,700 कैफे, लगभग 48 अड़तालीस vending मशीन, 532 बतीस कियोस्क और 403 ग्राउंड कॉफी बेचने वाले आउटलेट हैं।कॉफी छेत्र की बात आती है जिसमें अनुमानित 125 मिलियन परिवार कॉफी उगाने में शामिल हैं। इसमें उन लोगों की महत्वपूर्ण संख्या जोड़ें, जिनके पास वेतन के एक हिस्से में कॉफी का योगदान है, लाखों लोग अपने वेतन के कम से कम एक हिस्से के लिए कॉफी पर निर्भर हैं। और सीसीडी आज कई किसानों को रोजगार का स्रोत हैं सीसीडी के पास 30000 से भी अधिक कर्मचारी है जो आज सीसीडी को बेहतर तरीके चलने में सहयोग कर रहे है। #MSME #MSMEs #MSMEindia #MSMEnews #mystartuplife #mystartuppodcast #mystartupmedia #askmentor #mystartuptv #majorsunilshetty #startupchannel #startupnews #makeinindia #emergencycreditschemeforMSMEs #MSMEMinister #Walmart #Vriddhi #Flipkart #MKStalin #MSMEentrepreneur #SIDCO #SMEs #SME #CCD #cafecoffeeday #malavikaHegde #inspiration #coffee #V. G. Siddhartha #report