कल फिर से बारिश आई थी

(अल्लहड़ बनारसी और रमती बंजारन) जिसके (लेखक शरद दुबे) और (वक्ता RJ रविंद्र सिंह) है  !कल फिर से बारिश आई थी कुछ यादे वो संग लाई थी यादों का कोना आया था कुरेद कर यादे लाया था तुम फिर ना आने वाली थी यादे खाली ही लाया था कल फिर से बारिश आई थी कुछ यादे वो संग लाई थी बोला था कुछ यादे भी थी संग में वो बातें भी थी वादों कि भरमार पडी थी वो बोली कुछ याद पडी थीकल फिर से बारिश आई थी कुछ यादे वो संग लाई थीयादें कुरेद कर जब देखा था ताजा यादें अब भी प़डा था बारिश को तो फिर आना था यादों को फिर धूल जाना था कल फिर से बारिश आई थी कुछ यादे वो संग लाई थी

2356 232

Suggested Podcasts

Christian McCarrick

Anna Geiger

WNYC Studios a OSM Audio

JavaScript Archives - Software Engineering Daily

Alison J. Prince

Vermont Public

Chirag Mehta

Amarnath Alagappan