सोचो फिर तुम सही थे क्या
(अल्लहड़ बनारसी और रमती बंजारन) जिसके (लेखक शरद दुबे) और (वक्ता RJ रविंद्र सिंह) है !जो सोच बनाए बैठे थे सोचो फिर तुम सही थे क्या जिन बातों को लेकर बैठे थे उन बातों पर खुद सही थे क्या सुना किसी से कहा किसी ने जो समझा तुम सही थे क्या फर्क़ नहीं पड़ता क्या सोचा फिर भी बतलाओ सही थे क्या इल्ज़ाम तो हम पर लगा दिया तुम खुद सोचो तुम सही थे क्याजिन लोगों कि बातों में जाते हो तुम खुद बतलाना वो सही थे क्या जो सोच बनाए बैठे थे सोचो फिर तुम सही थे क्या