बामाखेपा की कहानी | माँ तारा की कहानी | बामाखेपा का जीवन | Bamakhepa | Bamakhepa Story in Hindi
महावर लगे सुंदर पैरों में पायल पहने हुए, खुले हुए कमर तक बिखरे केश से युक्त, परम ब्रह्मांड की स्वामिनी, सौंदर्य की प्रतिमूर्ति। नील वर्णी, मंद मंद मुसकाती माँ तारा,वामाखेपा के सामने खड़ी थीं…….