छत्रछाया (Chhtrchhya)

बुज़ुर्गों के दिल में दब कर रह जाते हैं कई किस्से इस ज़माने के अकेलेपन में आख़िर ... कहें भी तो  किस से सुनाया  करे अगर कभी कोइ बुज़ुर्ग तो सुन लिया करो गलतियों का तज़ुर्बा और उम्र ,तुम से कहीं ज़्यादा है उनकी 

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