इस भारतीय महिला फुटबॉलर को पूरे करियर में नहीं मिला रेड या येलो कार्ड
साल 1983 में जब शांति मलिक को अर्जुन पुरस्कार मिला था तब फ़ुटबॉल प्रेमियों और महिलाओं में इसे क्रांति की तरह समझा जाता था। इसके बाद भारत में फ़ुटबॉल से लेकर हर एक खेल में महिलाओं ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया। शांति भारतीय टीम की कप्तान भी रह चुकी हैं, कहा जाता है उन्हें अपने पूरे अंतरराष्ट्रीय करियर में एक बार भी रेड या येलो कार्ड नहीं मिला था।