हॉकी नहीं खो-खो थी वंदना कटारिया की पहली पसंद

बचपन में हॉकी खो- खो खेलनेवाली वंदना की हॉकी में एंट्री उनके कोच कृष्ण कुमार ने कराई। 11 साल की उम्र में वंदना को उन्होंने हॉकी स्टिक थमाई और उसके बाद वंदना ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। वो गोल पर गोल करती गईं और आज कई मेडल उनके नाम हैं।  

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