Satsang: 61 - श्री आरती पूजा के नियमो की व्याख्या

बोलो जयकारा बोल मेरे श्री गुरुमहाराज की जय  गुरुमुखों, हमें श्री दरबार में जो आरती करते है उसके बारे में कुछ बाते विशेष रूप से समज नी बहुत जरुरी है. एक तो ये बात दिल में पक्की बिठाले जो लोग ध्यान में अपना मन लगाना चाहते है श्री आरती उनके लिए पहेली सीढ़ी है। श्री आरती पूजा खुली आँखों से किया जाने वाला ध्यान है। हमारी पांचो ज्ञान इन्द्रिया ईसमे इस्तेमाल होती है। श्री आरती का भावपूर्ण अर्थ इस सत्संग में समझाया गया है। ..... 0133 : Shri Arti 2(Niyam Vyakhya)Time:37:15 इस भाव पूर्ण सत्संग को जरूर सुनिएगा। प्रेम सहित जय सचिदानंद जीधन्यवाद

2356 232