Satsang 55 -श्री सतगुरुजी की सेवा का महत्व
बोलो जय कारा बोल मेरे श्री गुरु महाराज की जय। ????? गुरुमुखों, इस सत्संग में फरमाते है की एक सेवक पर परमात्मा रूपी श्री सतगुरुजी कितने रीझते है, प्रस्सन होते है। सेवा के बारे में संत फरमाते है की "ज्ञान, ध्यान, जप, योग सब गुरु सेवा सम नहीं, भक्ति, मुक्ति और परमपद सब गुरु सेवा माहि ।" अर्थात श्री गुरुमहाराज जी की सेवा है वो सब तरह के फलो को देने वाली है. श्री तृतीय पातसाही ही फातमाते है की "सेवक के तो हाथो में हम बिक जाते है और चार मुक्ति तो ब्याज में दे तो भी एक भक्त के प्रेम का मूल्य नहीं चूका सकते।" भाग्यशाली गुरमुखो, हमें सेवा कैसे करनी है जानिए इस सत्संग में। File: 0266_Sadguru_Sewa_1(Sewa_Ka_Mahattav)Time: 43:05 प्रेम सहित जय सचिदानंद जीधन्यवाद???Satsang by Sanjiv Malik from Mission Genius Mind & Self Awakening MissionOur Contact for Appointment/Courses: 9350884041, 9821743552, 9821764952 #MissionGeniusMind #SanjivMalik #MGM #Meditation