राधा रानी मत जयिओ दूर
जय गौर हरि श्री राधा रानी मत जइयो तुम दूर मेरी महारानी मत जइयो तुम दूर तुम हो परम उदार लाडली कर दो क्ष्यमा कसूर श्री राधा रानी मत जइयो तुम दूर मेरी महारानी मत जइयो तुम दूर एक दर्श की आस स्वामिनी बरसाने में आई तेरी किरपा कोर से दिल में स्वामिनी बजने लगी शहनाई उसी किरपा की एक नज़र से करती रहो महसूस श्री राधा रानी मत जइयो तुम दूर मेरी महारानी मत जइयो तुम दूर तुम तो मेरी भोरी स्वामिनी में विषयन की मारी पतित उधारत हे द