Satsang Varsha - Bhagti Rass
*गुरु समान दाता को नही* *देते दात अनूप* *सार शब्द का दान दें* *सहजे करे सुख रूप* *भक्ति धन बरसा रहे* *सतगुरु दिन और रैन* *आ जाओ सतगुरु शरण में* *पाओ सुख और चैन* *रंग दो तन मन अपनी चाहत के रंग मे दास सदा रहे निज चरणन मे* *उतरे ना जो जन्म जन्म ऐसा रंग दो दाता मेरे भीगे तन मन भक्तिरस मे*