रिश्तों में बदलाव करें।
रिश्तो का उत्सव बड़े प्यार से मनाते हुए, एक तरफ मेरी माँ खड़ी थी जिन्होंने मुझे रिश्तों की अहमियत बताई और दूसरी तरफ मम्मी जी जिनसे मैंने सीखा रिश्तों को दिल से निभाना। दोनों मुझे देखकर जहाँ मुस्कुरा रही थी, वही मैं दोनों के बीच खड़ी अपनी किस्मत पर इतरा रही थी। आँखों में नमी और होठों पर मुस्कुराहट थी दोस्तों आपके पास बिगर कोई कहानी है जो आप सुनाना चाहते हैं दुनिया को बताना चाहते हैं तो आप मुझे संपर्क कर सकते हैं। sanju.kmbanerjee@gmail.com +918169193695