Soch ko bhi azad hone do

बंधन में घुट रहे आज आप सभी से विनम्र निवेदन हे केवल तनया मन की नेही सोच को भी स्वतंत्र होने देंआप पाएँगे की आप कोई भिर्न व्यक्तित्व हेंजिससे आप की मुलाक़ातहो रही हे वास्तव में वही आप हैं। आप से आप की इस मिलन की बधाई।................,,,,

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