Heero Ka Haar ( Part 2) - By Guy de Maupassant l हीरो का हार- गाई डी मोपांसा

इंसान की इच्छाएं अनंत होती है। कभी कभी इच्छाएं इंसान मुसीबत में डाल देती है। आइए सुनते है एक स्त्री की कहानी जिसने अपनी आमदनी से ऊंचे इच्छाएं रखी और उसने उठाया उसका खामियाजा

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