परिचर्चा - श्री उमेश मराठे (ट्रांसजेंडर अभिभावक)

हम डरते हैं कि समाज क्या कहेगा। बस इतनी सी बात के लिए एक बच्चे से बचपन/माता-पिता का प्यार/अपना परिवार और दोस्त यार, उसके समस्त अधिकार सब छिन जाते हैं क्योंकि उनका जन्म ट्रांसजेंडर प्रवृत्तियों के साथ हुआ है। यदि अभिभावकों की पहल स्वीकृति की दिशा में हो तस्वीर बिल्कुल पलटी हुई नज़र आती है....  परवरिश थीम के अंतर्गत ट्रांसजेंडर पर विशेष कार्यक्रम "ट्रांसफॉर्मेशन एक नई पहल"

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