Qissa-e-Momos -Humourasiya

एक पल को ही सही, आपको कोई खुशियों से मिला देसोचो कैसा हो अगर कोई, यूँ ही बेवज़ह मोमोज़ खिला दे,कितने हो गए मोमोज़ ,ना गिने ना आपको गिनाता रहेबस आप खाते रहो और वो चुपचाप खिलाता रहे,जहाँ मेयोनीज़ और एक्स्ट्रा चटनी की कोई कमी न हो ऐसा कोई सपना ढूढ़ना... जो अपनी प्लेट भी आपकी तरफ बढ़ा दे, इस दुनिया में ऐसा कोई अपना ढूढ़ना...तो जब भी मन करे मोमोज़ खाओ और खिलाओ बाकि मोमोज़ वाला ये किस्सा कैसा लगा ?आपको आप सुनकर बताओ...कसमें, वादें, प्यार, विचार और सलाह जो भी देना है यहाँ आप दे सकते हैं...Email id- humourasiya@gmail.cominsta id- @humourasiya

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