आ ज़िंदगी चल शर्त लगते है

Check out my latest episode!आ ज़िंदगी चल शर्त लगते है आ ज़िंदगी ! चल शर्त लगाते हैं कर सितम तु ! जीत कर हम दिखाते है कर अंधेरा घना मेरे साहस को तेरी मुसीबतों से लड़वाते हैं तु तोड़ मेरी उम्मीदों को हर बार हम उन्हें जुड़वाते हैंकर सितम तु ! जीत कर हम दिखाते है तु लगा दम ! कर रास्ते बंद देख हम कैसे रास्तों की चट्टानो को हटाते हैं आसमान को पंखो से मिलवाते हैं हार की रीत को कोशिश से मिटाते है आ ज़िंदगी ! चल शर्त लगाते हैं इस बार तुझसे जीत कर दिखाते हैतु बोल “ नही हो पायेगा तुझसे”वो ही काम को करके दिखलाते है“ये हो कर ही रहेगा “ ये गीत गुनगुनाते है इसी अंधेरी रात में एक दीपक जलाते है कोशिश को अपनी धार बनाते है आ ज़िंदगी ! चल शर्त लगाते हैं इस बार तुझसे जीत कर दिखाते हैआ ज़िंदगी चल शर्त लगते है 

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