सरस्वतीस्तोत्रम् (Saraswati Stotram)

वसंत पंचमी के शुभ अवसर पर माँ सरस्वती की वंदना। आइये हम अपनी आने वाली पीढ़ी को अपनी संस्कृति से मिलवाये। या कुन्देन्दुतुषारहारधवला या शुभ्रवस्त्रावृताया वीणावरदण्डमण्डितकरा या श्वेतपद्मासना ।या ब्रह्माच्युतशङ्करप्रभृतिभिर्देवैः सदा वन्दितासा मां पातु सरस्वती भगवती निःशेषजाड्यापहा ॥अर्थ – जो कुन्द के फूल, चन्द्रमा और बर्फ के समान श्वेत हैं। जो शुभ्र वस्त्र धारण करती हैं। जिनके हाथ उत्तम वीणा से सुशोभित हैं। जो श्वेत कमल के आसन पर विराजमान रहती हैं। ब्रह्मा, विष्णु, महेश आदि जिनकी सदा स्तुति करते हैं और जो सब प्रकार की जड़ता हर लेती हैं, वे भगवती सरस्वती मेरा पालन करें।

2356 232

Suggested Podcasts

Entertainment Weekly

Beautiful Game Network

Minnesota Public Radio

Matt Appleby and Susie Bryan

Active Interest Media

The Ringer

Valueauto loan

Jia_RisingStar

Parkash Rana