Featuring Radha Gupta || कोरोना: वरदान या अभिशाप || Scribblers संग्राम || SIV Writers
About Radha Gupta : My self Radha Gupta, teacher by profession, writer by passion. She had served in 20 + anthologies as a co-author. One of her anthology aimed world record in "Golden book of world record".She is connected with Radio Vrishti .For her writing is a form of expression and a tool for effective communication.She loves to pen down her feelings which give her inner peace and self satisfaction. कोरोना: वरदान या अभिशाप :कोरोना सिद्ध हुआ एक शाप,काल का ग्रास बनी मानव जाति। कितनो की साँसों पर बिठा पहरा,निगल गयी जीवन,खूनी त्रासदी। पर केवल मानव की हानि!!! ये बात किसी ने न जानी। क्या पाप किये इस मानव ने,जिसकी कीमत थी इसको ही चुकानी। शायद ये अभिशाप नही ,एक चेतावनी खुदा की है। जहाँ बोये पेड़ बबूल का वहाँ,आम फसल नही आती है। चारो तरफ गहराया संन्नाटा,इंसानी जमात छुपी अंदर। पंछी को मिला स्वछंद आकाश,इंसान को मिला बंद पिनज़र। घर मे इंसा जब कैद हुआ ,रिश्तों की कदर उसने तब जानी। पैसे की भागम भाग छोड़,रिश्तों पर की मेहरबानी। खुद को भी कुछ वक़्त दिया ,प्रकृति की और विम्मुख हुआ। आज अपने किये करम को,सुधारने हेतु संमुख हुआ। कुछ लोग खुदा के बंदे बन ,जीवन बचाने को आगे आये। इंसान बन इंसान की पीड़ा को ,बाँट ,रूप भगवान का कहलाये। जाने अंजाने कोरोना ने ,प्रकृति का मुक्त अभिशाप किया। घुटती हुई इंसानी साँसों को ,स्वच्छ साफ आकाश मिला। माना कोरोना ने छीना जीवन,पर जीने का महत्व सिखा कर जायेगा। ,है वरदान कम अभिशाप ज्यादा,पर इंसा को शायद रास्ते पर ले आयेगा। Radha gupta