Bishakha Kumari Saxena || समाज की सोच || Earn Name and Fame Services 2.0 || SIV Writers

About Bishakha : बिशाखा कुमारी सक्सेना जी नोएडा की निवासी हैं और पटना से इन्होनें अपनी सारी शिक्षा पूरी की है। ये समाजशास्त्र में स्नातकोत्तर की उपाधि प्राप्त की हुई है । इनकी रूचि कुकिग, कविता लेखन, पेंटिंग में है । घर की जिम्मेदारी के कारण नौकरी को छोड़ दिया था । तो पूरी तरह से अपनी रूचि की तरफ ध्यान देना शुरू किया। इन्होनें कुकिग के प्रतियोगिता में अनेक मैडल, ट्रॉफी, प्रमाण पत्र हासील कर रखा है। इनकी कुकिग में किताब भी छ्प चुकी है । लेखनी में भी मैगज़ीन और 12 किताबों ( साहित्यक उत्कर्ष, कुटुंब, तेरे मेरे लफ्ज़, कवियों के अध्यात्म, दहलीज़्, एक अनोखा प्यार, माँ एक एहसास, smile, feelings, अधूरी दास्ता, पिता, जिंदगी) में इनकी रचनाये छ्प चुकी है। ये अच्छे विचारो को अपने लेखनी के माध्यम से लोगों तक पंहुचाना चाहती है ।समाज की सोच :आज मैं नारी के अस्तित्व औरसमाज की सोच का व्याखान सुनाने आयी हूँ ।मैं नारी का व्याखान सुनाने आयी हूँ ।नारी जाग्रत होकर कुछ भी कर सकतीनारी की खुद की पहचान बताने आयी हूँ ।मैं नारी का व्याखान सुनाने आयी हूँ ।चीर काल से हुए हैं कितने सितमपर फिर भी ना हारी ये मंजर दिखाने आयी हूँ ।मैं नारी का व्याखान सुनाने आयी हूँ ।आज भी समाज की सोच से लड़ रहीये नारी का समाज पर है एहसान, ये भी जताने आयी हूँ ।मैं नारी का व्याखान सुनाने आयी हूँ ।किसी लड़की की नहीं होती शादीतो उसके जिंदगी को तौला मापा जाता हैइस गन्दी समाज की सोच पर विचार सुनने आयी हूँ ।मैं नारी का व्याखान सुनाने आयी हूँ ।आबरु के साथ जब होती हैवानियत तो यही समाज की सोच का ज़हर पीती नारीउसी सोच का सबको फरमान सुनाने आयी हूँ ।मैं नारी का व्याखान सुनाने आयी हूँ ।नारी तुम इस समाज की सोच को बदलोजो बीती तुम पर और झेल रही होउसी दौर की सच्चाई बताने आयी हूँ ।मैं नारी का व्याखान सुनाने आयी हूँ ।मुश्किलो के दौर जितने झेलेउनको अपनी शक्ति बना लोतभी इस समाज की सोच से आगे निकल सकोगीयही सबके तरफ से परचम लहराने आयी हूँ ।मैं नारी का व्याखान सुनाने आयी हूँ ।

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