Featuring Sakshi Shrivastva || मेरे फोन के वालपेपर || SIV Writers
More about Sakshi : मेरा नाम साक्षी श्रीवास्तव है, मैं रीवा मध्य प्रदेश की रहने वाली हूं।मैं DeElEd फर्स्ट ईयर की स्टूडेंट हूं।लिखना मेरा शौक है मैं हिंदी में कविताएं और शायरियां लिखती हूं। Writeup:मेरे फोन के वालपेपर पे जो तुम्हारी तस्वीर है ना,उसमें तुम्हारी आंखे ऐसी है कि मानो मुझसे कह रहीं हो की,सुनो,जल्दी ही सब ठीक हो जाएगा,ये मुश्किल वक्त भी निकल जाएगा,कोई सवाल बिना जवाब का नहीं होता,इसका भी जल्दी ही हल मिल जाएगा।उसे देख के मुझे बहुत हिम्मत मिलती है,मै जब रो रही होती हूं तो मुस्कुराने की एक वजह मिलती है,वो आंखे मानो मुझसे कह रही हो कि,सुनो,तुम मत रो ना,ऐसे उदास मत हो ना,हा पता है तुम परेशान हो,पर एक बार हंस दो ना।उस तस्वीर में एक अलग सी मुस्कान है तुम्हारे चेहरे पर,वो देख के मुस्कान आजाती है मेरे भी चेहरे पर,वो मुस्कुराते होंठ मानो मुझसे कह रहे हो कि,सुनो,तुम भी थोड़ा मुस्कुरा लो ना,दो पल ही खुशी मना लो ना,परेशान होने से कुछ नहीं होता,हंस के इन गमो को हरा दो ना,उस मुस्कान में ज़रूर कुछ खास है,उसे देख के लगता है ये मुस्कुराता शख्स मेरे पास है,और लगता है कि वो मुझसे कह रहा हो की,सुनो,मै हमेशा हूं तुम्हारे साथ,फर्क नहीं पड़ता क्या है बात,ऐसे ही तुम्हारे साथ रहूंगा,चाहे दिन हो या रात।उस तस्वीर को तो मै हर वक्त देख सकती हूं,उसका जवाब सुने बिना अपनी बात कह सकती हूं,मानो वो मुस्कान, आंखे, वो शख्स, सब मुझे हिम्मत देते हुए कह रहे हो कि,सुनो,बेवजह तुम्हे रोना नहीं है,गम के बीच में खुशी को खोना नहीं है,इतनी रात को भी मुझे ही देख रही हो,जाओ भी अब, क्या आज सोना नहीं है?©️Sakshi Shrivastava 'Manishi'