Featuring KanuPriya Rastogi || मैं क्या कहूं अपने बारे में यार || चक्रव्यूह को भेदों
चक्रव्यूह को भेदों is a grand contest brought to by Scribbling Inner Voice, अंदर की आवाज़ and कलम की ध्वनि. The competition comprises of 2 rounds and contains amazing perks for winners and participantsMore about Kanupriya : "Hey i m kanupriya rastogi.......... I m from bareilly up....... I was started writing in class 9th .............i was started My writing just inspiring with my dad........ He is my inspiration of writing"Writeup :मैं क्या कहूं अपने बारे में यार,हां मुझे भी यू तो भाता है बहुत यारों के संग हसना,उनसे बातें बेहिसाब करनाकभी चिल्लाना उनपर तो कभी उनकी खिल्ली उड़ाना...........पर ना चाहते हुए भी अपने इन सभी अरमानों को मैंने दिल में ही मार रखा है.........वो क्या है कि मैंने कंधों पर घर की ज़िम्मेदारी को संभाल रखा है।।।यूं तो कुछ खास नहीं है मेरे अशआर(शायरी) में,पर हां ये सच है मैंने कब का बेच दिया है खुद को इस जिम्मेदारी के बाज़ार में.................हां हर रोज़ बहुत थक हर कर दर रात को में घर आता हूं,मै हर रोज़ ज़माने के धूप में खुदको जलाता हूं,जिससे मेरी मा की ज़िन्दगी में खुशी और मेरे घर में उजाला हो सके...........हां मै मानता हूं कि आजकल के लड़कों की तरह lifestyle बनाने मेंवो एक ही टाइम पर दो तीन gf चलाने में मै अक्सर उनसे हार जाता हूं.........पर देखकर मेरी मा की आंखों में गर्व अपने लिए मै बहुत खुश हूं अपनी इस हार में.........हां खुदको कब का बेच दिया है मैंने जिम्मेदारी के बाज़ार में..............मै मानता आजकल के इन लौंडो वाली ज़िन्दगी में भी मस्ती है.......पर मै सच मुच फूला नहीं समाता उन लम्हों में जब जब मेरी मां मुझे देखकर हंसती है.........मैंने देखी है सारी दुनिया की खुशियां उस मां के निस्वार्थ प्यार में..........बस उसकी खुशी की खातिर ही तो मै कब का बेच आया हूं खुद को उस जिम्मेदारी के बाज़ार में................