Featuring Vanshika Garg || ""बिन सोचै, समझे कुछ ऐसा हो जाए।।"" || चक्रव्यूह को भेदों

चक्रव्यूह को भेदों is a grand contest brought to by Scribbling Inner Voice, अंदर की आवाज़ and कलम की ध्वनि. The competition comprises of 2 rounds and contains amazing perks for winners and participantsMore about Vanshika : Vanshika is a student, from indore. She loves to write and Express her soul. Recently she started a new journey with writers page on Instagram??:- @_writers_ink27. Co-author of more than 40 anthologies. she is just unstoppable?and she took anything.. she wanted with a smile? Trying her best to be unique✌? Its the beginning..? Many more to come!??? ..and the reality is.. she is dreaming with or without her eyes closed. Insta id:- @vanshikagarg0927 Writeup :"बिन सोचै, समझे कुछ ऐसा हो जाए।।।मे उस जैसी और वो मुझ जैसा हो जाए।।।।"" खुदा जो चाहे वो हो कुछ इस कदर..बिन बोले वो सब समज जाये;जीसके चेहरे की ख़ुशी मेरी मुस्कान हो..जीसके चेहरे की ख़ुशी मेरी मुस्कान हो..पर मेरी तो सारी खुशियां ही उसी से हो;उसकी तो पूरी दुनिया ही में हु..पर मेरा तो पूरा जहाँ वो हो जाये;""बिन सोचे, समझे कुछ ऐसा हो जाए।।।मे उस जैसी और वो मुझ जैसा हो जाए।।।। ""उस ऊपर वाले की मर्ज़ी के बिना तो एक पत्ता भी नहीं हिलता..उस ऊपर वाले की मर्ज़ी के बिना तो एक पत्ता भी नहीं हिलता..पर हम मिले कुछ इस कदर की वो खुदा भी चौक जाये;हो फूलो की बारिश कही से..हो फूलो की बारिश कही से..ईस तरह की वो असमाः भी खिल जाये;मेरी निराशा उसकी उदासी की वजह बन जाये;""बिन सोचे, समझे कुछ ऐसा हो जाए।।।मे उस जैसी और वो मुझ जैसा हो जाए।।।।""हर लम्हे में वो रहै, हर गम में वो रहै..हर लम्हे में वो रहै, हर गम में वो रहै..हर ख़ुशी में वो रहे मेरे सथ, मेरी परछाई बनकर..ओर में उसी परछाई का साया बनकर;उसका भले ही प्यार है..उसका भले ही प्यार है..पर मेरी तो वो जान हो जाये;""बिन सोचै, समझे कुछ ऐसा हो जाए।।।मे उसकी और वो मेरा हो जाए।।मे उसकी और वो मेरा हो जाए।।।।।"" मिलने के बाद कभी जुदा ना हो हम..मिलने के बाद कभी जुदा ना हो हम..उस खुदा से बस यही दुआ हो जाये;""बिन सोचै, समझे कुछ ऐसा हो जाए।।।मे उस जैसी और वो मुझ जैसा हो जाए।।मे उस जैसी और वो मुझ जैसा हो जाए।।।। "" -वंशिका

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