Featuring Nehal Chandak || अधूरा अस्तित्व || चक्रव्यूह को भेदों

चक्रव्यूह को भेदों is a grand contest brought to by Scribbling Inner Voice, अंदर की आवाज़ and कलम की ध्वनि. The competition comprises of 2 rounds and contains amazing perks for winners and participantsMore about Nehal : A graduation student,an introvert girl with millions of ideas who pen downs whatever her heart spells out.She is madly in love with books especially written by Amish Tripathi.She is also interested in dancing and handmade crafts.She listens music to heel her inner wounds given by people around.You can read her thoughts on instagram @lekhani2 अधूरा अस्तित्व :जन्म हुआ था मेरा भी एक संयुक्त परिवार में,खुशियाँ भी छाई थी चहुँ ओर तब।माँ की ममता में लिपटी और बाबा के दुलार की छाँव में,मैं पली-बढ़ी, बड़े नाजों से तब।पर न जाने क्यों? खुशियाँ रास न आई मुझे,जब परिवार को पता चला उनके तरह मैं आम नहीं।माँ का लाड, प्यार और ममता सब छीन लिया मुझसे,और बाबा ने भी रिश्ते-नाते तोड़, केश पकड़ घर से निकाल दिया।अधूरा अस्तित्व लेकर जन्मी इसमें गुनाह क्या मेरा था?हाँ! मैं भी थी अर्धनारीश्वर का ही चिन्ह,तो क्यों मुझे अपमानित था किया गया,और क्यों मुझे प्रताड़ित तुम करते गए।लेकिन अब बस!बहुत हुआ तुम्हारे दया और हास्य का पात्र बनना,ना ही मैं कमजोर हुँ और ना ही कोमल मैं।तुमसे भिन्न हुँ मैं तो क्या?एक नयी किरण की सोच की शुरुवात हुँ मैं।देती आई मैं दुआएँ तुमको और आगे भी देती जाऊँगी,बदले में अब भीख, रुपये या ज़ेवरात नहीं चाहिए मुझे।बस इस समाज में, मुझे अपनी पहचान बनानी है,मुझे भी अब हक़ चाहिए सम्मान और समानता का।अधूरा मेरा अस्तित्व है तो क्या?अधूरे अपने ख्वाब लेकर इस धरती को अलविदा ना कहूँगी मैं।©Nehal Chandak?

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