Featuring Sakshi Shrivastva || एक ख्वाब || SIV Writers
Featuring Sakshi Shrivastva ! More about Sakshi : मेरा नाम साक्षी श्रीवास्तव है, मैं रीवा मध्य प्रदेश की रहने वाली हूं।मैं DeElEd फर्स्ट ईयर की स्टूडेंट हूं और पार्ट टाइम टीचर भी हूं।लिखना मेरा शौक है मैं हिंदी में कविताएं और शायरियां लिखती हूं।एक ख्वाब :एक ख्वाब सच होने वाला था,वह आज मुझसे आमने-सामने मिलने वाला था,जिसे आज तक सिर्फ मोबाइल स्क्रीन पर देखा है,वह आज सच में मेरे सामने आने वाला था।मैं उसे पसंद तो आऊंगी ना ?जैसी तस्वीरों में देखती हूं वैसे ही नजर आऊंगी ना ?बहुत सारे वादे किए हैं आज तक उससे,पहली मुलाकात में उन सब को पूरा तो कर पाऊंगी ना ?ऐसे ही कई सारे सवाल मन में लिए,खुद को थोड़ा समझाते थोड़ा संभालते हुए, मैं निकल पड़ी अपने घर से उससे पहली मुलाकात के लिए।मैं तय की हुई जगह पर पहुंच गई,मेरी नजरें उससे ही ढूंढने लग गई,वह दूर से आता नजर आया,बस फिर नजर उसी पर अटक गई।वो मेरे नजदीक आता जा रहा था,मेरा दिल अपनी धड़कने बढ़ाता जा रहा था,मुझे अभी भी यकीन नहीं हो रहा था,मेरा ख्वाब सच में हकीकत बनने जा रहा था।उसने मेरी पसंदीदा ब्लैक शर्ट पहन रखी थी,एक हाथ में कड़ा और एक हाथ में घड़ी डाल रखी थी,उसके जेब से को झांक रहा था,अरे उसने मेरी दी हुई कि रिंग अभी भी गाड़ी की चाबी में लगा रखी थी।अब हम आमने सामने खड़े थे,दुनिया से अनजान बस एक दूसरे को देख रहे थे,उसने हाथ मिलाने के लिए हाथ आगे किया,उस वक्त मेरे हाथ बहुत बुरी तरह कांप रहे थे।उसने फिर हमारी इस चुप्पी को तोड़ा,पहली मुलाकात में पहला शब्द उसी ने बोला,उसने पता है क्या बोला, 'तुम ठीक नहीं लग रही पानी पी लो थोड़ा'मैंने सोचा 'यह लड़का बुद्धू का बुद्धू ही रहेगा,इतनी दूर से आई हूं मिलने फिर भी अपने मन की बात नहीं कहेगा',खैर अभी तो मिले कुछ पल ही हुए हैं,वक्त देते है इसे शायद खुद ही कुछ पहल करेगा।फिर हमारी बातें शुरू हुई,शुरू में थोड़ी झिझक भी हुई,वह एक बार तो एकदम असहज हो गया,जब गलती से मेरी उंगली उसके हाथ से टकरा गई।फिर पता नहीं कब समय निकल गया,मेरी वापसी का वक्त हो गया,हम फिर से महीनों के लिए दूर होंगे,यह सोचकर एक आंसू आंख से निकल गया।उसने मुझे अपना रुमाल दिया,दोबारा मिलने का वादा किया,"अपना ध्यान रखना साक्षी"इतने वक्त में उसने पहली बार मेरा नाम लिया।तो इस तरह हुई हमारी पहली मुलाकात,कुछ बातें कुछ जज्बात,पता नहीं हम दोबारा कब मिलेंगे,पर दुआ है कि जल्दी हो हमारी अगली मुलाकात।