Featuring Shreyasi Rath || माँ, तेरे क्रोड़ में करोड़ का अनुभव है || SIV Writers
Featuring Shreyasi Rath ! More about Shreyasi Rath : This is Shreyasi Rath, an imperfect writer of 14 years old. She hails from Sambalpur, Odisha. Currently, a pupil of class 9th. She is a crazy lover of her pen and overthinking. She made her bond with pen when she was 9 years old. She have 50+ rewards related literature and contributed in 20 anthologies. She is a voluble extrovert and a open-hearted girl with a complicated heart.माँ, तेरे क्रोड़ में करोड़ का अनुभव है :माँ, तेरे क्रोड़ में करोड़ का अनुभव हैतेरे ही आशीष से सब संभव हैकहती तू, मेरा जीत ही तेरा गौरव हैतुझसे ही हर शब्दों का प्रसव हैतेरा एक पहचान ही सौष्ठव हैइन धड़कनों में तेरे नाम का रव हैइन रगों में लहू भी तव हैमाँ, तू ही तो सम्पुर्ण भव है॥ माँ, तू मेरी पहली बोल है मेरी स्याही की तू बल हैतेरा कोई मोल नहीं तू अनमोल हैतेरी इस नन्हीं गुड़िया के लिए तू अमोल हैमेरे हर संकट का तू हल हैतेरा ही प्यार जहाँ न कोई छल हैसुकून देता तेरा कोख और आँचल हैमाँ, तू देव मेरी, तू ही मेरी देवल है॥ माँ, तू मेरे हर कदम की हौसला हैछप्पन भोग से स्वादिष्ट तेरे हाथों का निवाला हैकिसी हीरे से मजबूत तो तेरा फैसला हैऊँगली पकड़ तेरे चलूँ इसलिए तेरा हाथ मिला हैगिरती हूँ आज भी तो तूने ही संभाला हैतेरे नाम बिन सूना लगता वर्णमाला हैतू वो चाबी जिससे खुलता मेरे दिल का ताला हैमाँ, तू बिन बताए समझ लेती यह कैसा कला है॥ माँ, चीनी से मीठा तेरा प्यार हैघबराऊँ जब कानों में गूँजे तेरा पुकार हैतू ही हम सब की रक्षण दीवार हैआखिर और कितने जिम्मेदारी तेरे सिर सवार हैमेरी हर अच्छी आदत तेरा दिया शिष्टाचार हैहर विजय का तुझसे आविष्कार हैतेरी ममता नभ सा अपरमपार हैमाँ, तेरे चरणों में सृष्टिकर्ता का नमस्कार है॥©Shreyasi Rath