Featuring RAJESH SATPATE from Words of Hearts Community || हास्य जीवन || Community Feature by SIV

These features are being done under Words of Heart Community Feature on SIV Podcasts Community Feature is a series of featuring 5 writers from different writing communities on SIV Podcast. This gives a wide range of poems to all the listeners Keep listening Keep SupportingWords of Heart Community is a writing community  on whatsapp founded by Sohini Ghosh . The community has provided daily challenges to give writers more challenges. Words of Heart aims to give a better place to everyone to share their thoughts in form of writeups. This community has achieved success since establishmentFeaturing Rajesh Satpate ! More about Rajesh : यह राजेश सतपते उप्पूगुडा, शिवाजी नगर हैदराबाद के निवासी हैं। वर्तमान में पीजीडीबीएम की पढ़ाई उस्मानिया विश्वविद्यालय से कर रहे हैं, इन्होंने एम.टेक,बीएससी, बी.टेक, किया है और आईटी रिक्रूटर फॉर इंडिया एंड सिंगापुर के पद पर कार्यरत हैं। इनके परिवार में इनके पापा और माताजी (श्री रामदास और श्रीमती कलवाती बाई सतपते) और इनकी छोटी प्यारी सी बहन हैं जिसका नाम सतपते सुनीता है। इन्होंने लेखन प्रतियोगिता 8 वर्ष की उम्र से किया है, बाल कविताएं, निबंध लेखन, कहानियां विद्यालय और विश्व विद्यलय में पढ़ते हुए " दैनिक हिन्दी मिलाप वार्ता पत्रिका" के माध्यम से शुरुआत की है। इन्हें अभी तक लेख , कहानी, व्यंग और कविता लेखन प्रतियोगिता में राष्ट्रीय स्तर पर पुरस्कार जानी मानी राज्य सरकार की राजनैतिक हस्तियों द्वारा प्रदान किया गया है।इन्होंने अभी तक 5 बुक्स ऑनलाइन पब्लिश किया हैं ,जैसे कि राइट टू फील नॉट टू एक्सप्लेन, रायटर्स वर्ल्ड, ब्लेमिश ब्यूटी, अनसुने खयाल और नव भारत शक्ति का हिस्सा एक लेखक (कवि) के रूप में अपना योगदान दिया हैं। अभी भी 50+ बुक्स ऑनलाइन जल्द ही पब्लिश होने वाली हैं ।Instagram I'd : rajesh.Satpateहास्य जीवन :आप को हँसते जो देखा खिल खिला कर हँस लियेप्यार के दो बोल मीठेबोल कर दिल बस लिएकोरा कागज हाथ ले कर मैं दर्शता रह गयानम्र हो चुपचाप रहकरबिना बोले कह गया क्या पता है कौन कैसासर्पता वस डस ही ले अतः गुस्सा तज के केवलमधुरता मय मुख खुलेमालपूड़ी साथ पैसाहाथ लगना सरल है पर जमाना व्यस्त कितना हंस ले थोड़ा विरल हैहँस के देखो कुछ दवाएँआप की होनी है कम स्वस्थ बॉडी ब्रेन गतिमय और जीवन भी सुगम हँसने के पैसे न पड़ने कौन यह समझायेगा याद रखना मंत्र है यह उम्र को बढ़वायेगा रोनी सूरत जो बदल दे हास्य उस का नाम है हँस हँसा कर रहना सीखो ये बड़ा आसान हैबोर जीवन क्यों जियें हम जटिलता नीरस लिये आप को हँसते जो देखा खिल खिला कर हँस लिए*-राजेश सतपते, हैदराबाद*इंस्टा आईडी *rajesh.satpate*

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