Featuring Sanjita Ghosh ||कहाँ हूँ मैं, कहाँ हूँ मैं??? || Bazm Ae Sukhan 2.0 || SIV Writers

Featuring Sanjita Ghosh Shayera !More about Sanjita Ghosh :" My Name is SANJITA GHOSH (Shayera/शायरा).I belong to Calcutta. But, Born & brought up in Delhi. I studied  B.COM from MANAV BHARTI UNIVERSITY. I get inspiration from situations and day to day life. I fell in love with poetry and shayari when I found myself very alone.I started writing in 2013,I especially like to write on romantic relation and on social cause. I try to learn and try to get ideas from everything. I am capable of putting my experience into words."पहले लिखना बस एक शौक़ था, फिर लिखने की आदत हुई, अब लिखना जैसे जुनून सा है।"Insta handle @sanjitaghoshshayera"कहाँ हूँ मैं, कहाँ हूँ मैं??? :कहाँ हूँ मैं, कहाँ हूँ मैं???,जहाँ भी देखो, वहाँ हूँ मैं....पर्वत में, कण-कण में मैं, माटी में, कंकड़ में मैं, काल चक्र और क्षण में मैं, जीवन में और मरण में मैं... कहाँ हूँ मैं कहाँ हूँ मैं ???,जहाँ भी देखो, वहाँ हूँ मैं....खण्ड में मैं, अखण्ड में मैं, दुर्गा के रूप प्रचण्ड में मैं,सती के शीतल रूप में मैं, काली के स्वरूप में मैं... कहाँ हूँ मैं कहाँ हूँ मैं ???,जहाँ भी देखो, वहाँ हूँ मैं....तेज़ भी मैं, नादान भी मैं, अज्ञानी में ज्ञान भी मैं, जीवन का अभिमान भी मैं, मृत्यु का प्रमाण भी मैं....  कहाँ हूँ मैं कहाँ हूँ मैं ???,जहाँ भी देखो, वहाँ हूँ मैं.... आरंभ मैं, और अंत भी मैं, आदि शक्ति, अनंत भी मैं,अन्तर मैं, निरंतर मैं,बाग भी मैं, खंडहर भी मैं...कहाँ हूँ मैं कहाँ हूँ मैं ???,जहाँ भी देखो, वहाँ हूँ मैं.... माँ-बाबा का दुख में मैं,खुशियों की ऊर्जा में मैं,गंगा सी बहती मैं निर्मल,चंडी में, दुर्गा में मैं....कहाँ हूँ मैं कहाँ हूँ मैं ???,जहाँ भी देखो, वहाँ हूँ मैं.... नृत्य-संगीत की कला में मैं,सुर-ताल, रागिनी में मैं,सूरज की किरणों में मैं,चाँद की चाँदनी में मैं....कहाँ हूँ मैं कहाँ हूँ मैं ???,जहाँ भी देखो, वहाँ हूँ मैं.... प्रेम में मैं, क्रोध में मैं,ईर्ष्या में, प्रतिशोध में मैं,काजल मैं, कलंक भी मैं,माँ का सुना अंक भी मैं....कहाँ हूँ मैं कहाँ हूँ मैं ???,जहाँ भी देखो, वहाँ हूँ मैं.... धरती से आकाश में मैं,दर्द, भूख और प्यास में मैं,कभी दूर, कभी पास में मैं,अगर-मगर और काश में मैं....कहाँ हूँ मैं कहाँ हूँ मैं ???,जहाँ भी देखो, वहाँ हूँ मैं....सीता की अग्नि परीक्षा मैं,मीरा की भक्ति - प्रतीक्षा मैं,राधा के प्रेम की निष्ठा मैं,पांचाली की प्रतिष्ठा मैंकहाँ हूँ मैं कहाँ हूँ मैं ???,जहाँ भी देखो, वहाँ हूँ मैं....व्रत पूजा और पाठ में मैं,चुप्पी में हर बात में मैं,रामायण की कथा में मैं,महाभारत की व्यथा में मैं,कलयुग की कुप्रथा में मैं,यहा- वहाँ सर्वथा हूँ मैं,फिर भी पूछे कहाँ हूँ मैं,जहाँ भी देखो वहाँ हूँ मैं....

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