Featuring Mohd. Farhan Alam Lari || हमारे जाँबांज़ सैनिक || SIV Writers
Featuring Mohd. Farhan Alam Lari !More about Mohd. Farhan Alam Lari : "Hello Friends, This is "Mohd. Farhan Alam Lari",I live in "Bahraich UP"! I am a student and I have done post graduation from commerce! At the same time, I have started writing poems nowadays, because this is the best way to express your thinking!"हमारे जाँबांज़ सैनिक : ☆ मुल्क़ की सरहदों पर,जब हमारे सैनिक होते! तभी हम अपने घरों में,चैन की नींद सोते!!☆ इनके लिए क्या धूप,क्या बारिश,क्या गर्मी और क्या सर्दी!हर वक़्त हिफाज़त के लिए,खड़े है पहने वतन की वर्दी!!☆ जय-जवान,जय-किसान है शास्त्री जी का नारा!इन्हीं की वजह से,सुकून में है पूरा हिन्दुस्तान हमारा!!☆ "एक सोई हुई ज़मीन से,अनाज को लाता!""तो दूजा मुल्क़ के लिए,ज़मीन में सो जाता!!"☆ अगर सरहदों पर,न हो हमारे सैनिक!तो हर वक्त मुल्क़,हमारा रहेगा पैनिक!!☆ Salute! है सैनिकों को,जो वतन के लिए होते क़ुर्बान! Salute! उन पैरेंट्स को भी,जो वतन के लिए भेजते अपनी जान!!(बच्चे)