मंत्रयोग क्या है?
शास्त्रों के अनुसार अनेक प्रकार के योग बताए गये हैं, इन सभी योग की साधना सबसे सरल और सुगम है। मंत्र योग की साधना कोई श्रद्धा पूर्वक व निर्भयता पूर्वक कर सकता है। श्रद्धापूर्वक की गयी साधना से शीघ्र ही सिद्धि प्राप्त कर अभीष्ट की प्राप्ति की जा सकती है। अपने लक्ष्य को मंत्र योग द्वारा शीघ्रता से प्राप्त किया जा सकता है। वर्तमान समय में सम्पूर्ण संसार में लगभग 90 प्रतिषत साधक मंत्र योग के अनुयायी है अत: जिन साधकों को अन्य योग साधना कठिन प्रतीत हो उन साधकों को मंत्र योग की साधना से अभीष्ट सिद्धि मिल सकती हैं। सामान्य व्यक्ति साधना आरम्भ करना चाहते है उनके लिए साधनपाद में महर्षि पतंजलि ने सर्वप्रथम क्रियायोग को बतलाते है- महर्षि पतंजलि की दृष्टि में क्रियायोग वह है कि जिन क्रियाओं से योग सधे, और यह क्रियायोग समाधि की सिद्धि देने वाले है। latest episode!