Nahin bana saka tumhe (नहीं बना सका तुम्हें)

विमल कुमार हिंदी के वरिष्ठ कवि हैं। सपनों में एक औरत से बातचीत (1992) और यह मुखौटा किसका है (2002) आपकी कुछ प्रमुख कृतियाँ हैं। आप इन्हें कविता कोश पर पढ़ सकते हैं। कविता - नहीं बना सका तुम्हें कवि - विमल कुमार अनुवाचन - एकांत

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