जब तुम समझने लगो ज़िन्दगी (Jab tum samajhne lago zindagi)
राहुल बोयल (Rahul Boyal) द्वारा रचित कविता 'जब तुम समझने लगो ज़िन्दगी' का अनुवाचन जन्म दिनांक- 23.06.1985; जन्म स्थान- जयपहाड़ी, जिला-झुन्झुनू राजस्थान सम्प्रति राजस्व विभाग में कार्यरत पुस्तक- समय की नदी पर पुल नहीं होता (कविता संग्रह), नष्ट नहीं होगा प्रेम (कविता संग्रह) , में चाबियों से नहीं खुलता (काव्य संग्रह), जरे की ख़्वाहिश (गजल संग्रह) ई मेल पता- rahulzia23@gmail.com --- This episode is sponsored by · Anchor: The easiest way to make a podcast. https://anchor.fm/app