क्या हूँ मैं तुम्हारे लिए (Kya hu main tumahre liye)

निर्मला पुतुल  (Nirmala Putul) द्वारा रचित कविता 'क्या हूँ मैं तुम्हारे लिए'  का अनुवाचन निर्मला पुतुल (जन्मः 6 मार्च 1972) बहुचर्चित संताली लेखिका, कवयित्री और सोशल एक्टिविस्स्ट हैं। दुमका, संताल परगना (झारखंड) के दुधानी कुरुवा गांव में जन्म इनकी प्रमुख कृतियों में ‘नगाड़े की तरह बजते शब्द’ और ‘अपने घर की तलाश में’ हैं। इनकी कविताओं का अनुवाद अंग्रेजी, मराठी, उर्दू, उड़िया, कन्नड़, नागपुरी, पंजाबी, नेपाली में हो चुका है। कविता लेखन के साथ-साथ पिछले 15 वर्षों से भी अधिक समय से निर्मला शिक्षा, सामाजिक विकास, मानवाधिकार और आदिवासी महिलाओं के समग्र उत्थान के लिए व्यक्तिगत और संस्थागत स्तर पर लगातार सक्रिय हैं।  --- This episode is sponsored by · Anchor: The easiest way to make a podcast. https://anchor.fm/app

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