गरीब की हाय - मुंशी प्रेमचंद | Gareeb Ki Haay - Munshi Premchand.

एक सैनिक की गरीब विधवा मूँगा, जो गाँव के एक प्रतिष्ठित व्यक्ति द्वारा ठगी जाती है। पर गाँव की पंचायत भी उसे न्याय नहीं दे पाती। कोई भी व्यक्ति उसका साथ नहीं देता। वह बिलकुल ही अकेली पड़ जाती है। उसके साथ हुए विश्वासघात से वह पूरी तरह टूट चुकी थी। पर वह ज़िद्दी थी, अन्याय के ख़िलाफ़ अकेली डटी रही। फिर जो हुआ उसे आप स्वयं सुनिए,  मुंशी प्रेमचंद जी की कहानी - गरीब की हाय । Munshi Premchand's story - Gareeb Ki Haay.

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