मुक्तिधन - मुंशी प्रेमचंद | Muktidhan - Premchand

गरीब और छोटा किसान रहमान किस तरह अपने हालात के आगे मजबूर होकर अपनी गाय बेचता है। फिर भी हालात क़ाबू में नहीं आते और उसे लाला दाऊदयाल से बार-बार कर्ज़ लेना पड़ता है। अब कर्ज़ का पहाड़ उसके सामने है, और कर्ज़ तो चुकाना है। दाऊदयाल पैसों के लिए तकाज़ा करते हैं,... पर... दाऊदयाल ने... फिर होता है कुछ ऐसा... जानने के लिए सुनिए मुंशी प्रेमचंद जी की लिखी कहानी - मुक्तिधन। The greate author Munshi Premchand's famous story - Muktidhan.

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