ट्रांसजेंडर कम्युनिटी में अपनेपन की खोज

मुस्कान भोपाल की रहने वाली एक दलित ट्रांसजेंडर महिला हैं जो सामाजिक हाशिये पर रहने के बीच स्वीकार्यता और अपनेपन की खोज का सफर साझा करती है। खून के रिश्तो से परे जाकर मुस्कान अपने चुनिंदा परिवार की कहानी बताती हैं जिसके साथ वह दुःख, प्यार और ट्रांसजेंडर होने की चुनौतियों व पहचान की जटिलता के बारे में जानती हैं.  अपने जन्म वाले परिवार के द्वारा अस्वीकारे जाने से लेकर LGBTQ+ समुदाय और सहयोगियों जैसे सुरय्या दादी में सांत्वना और सहारा पाने तक- मुस्कान की कहानी स्वीकार्यता और समझ की ओर अपना खुद का रास्ता बनाने के लिए आवश्यक सहनशीलता और साहस को उजागर करती है। यह चुने हुए परिवारों की शक्ति और हर किसी को उसके सच्चे रूप में महसूस करने वाले और प्यार करने वाले स्थानों की रचना की महत्वकांक्षा का एक साक्षी है। मुस्कान एकतारा कलेक्टिव द्वारा निर्मित फिल्म “एक जगह अपनी” में काम कर चुकी हैं. 

सेजल पटेल इस स्टोरी के लिए मुस्कान से मिलने भोपाल गए। यह एपिसोड Queerbeat के साथ कोलैबोरेशन में निर्मित किया गया है

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