(2017 केरल) कहानी प्यार, धोखे और निर्दयता की

कनूर, तमिलनाडुगॉंव के लोगों को एक महिला की लाश एक खेत के बने तालाब में दिखाई देती है। पुलिस को बुला कर लाश निकलवाई जाती है। लाश कई दिन से तालाब में पड़ी मालुम हो रही है और काफी फूल गई है। लाश के हाथ पे कन्नड़ भाषा में कुछ लिखा हुआ है जो एक कन्नड़ जानने वाला बताता है की ये "रजू " लिखा है। पुलिस का अंदाज़ा है की ये "राजू" मरने वाली के पति, पिता या बच्चे का नाम होगा। इलाके का कोई भी इंसान इस लाश को नहीं पहचानता है। पूरे अल्लेपी में मृतक की फोटो घुमाई जाती है और काफी भटकने ने बाद एक खबरी को एक आदमी बताता है की ये औरत पास के शिव मंदिर के बाहर बैठती थी। और पूछने पर पता चलता है की ये औरत उस शिव मंदिर के बाहर अपने दो बच्चों के साथ भीख मांगती थी। पुलिस की टीम शिव मंदिर पहुचती है जहाँ पता चलता है की इसका नाम गीता है जिसे लोगों ने कई दिनों से नहीं देखा है।

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